किसी को तलाश हो और खुदाओं की, हम तो डॉ० अम्बेडकर को खुदा कहते है - जयराम अनुरागी

यदि डॉ० अम्बेडकर  नहीं होते तो आज भी करोड़ो लोग नारकीय जीवन जी रहे होते

बलिया। भारतीय संविधान के जनक " भारत रत्न " बाबा साहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर जी की 132 वीं जयन्ती  राम अइगा प्रसाद अनुरागी फाऊंडेशन ( रापा फाऊंडेशन) पर मनायी गयी, जहां पर सर्व प्रथम बाबासाहब के साथ अशोक चक्र लगे झण्डे को एक वर्षीय बालक भैया धार्विक रंजन चौधरी ऊर्फ हैप्पी चौधरी ने फहरा कर शुभारभ की। उक्त अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए नेशनल प्राइम अवार्ड 2019 से सम्मानित जनपद के सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्त्ता जयराम अनुरागी ने कहा कि बाबा साहब डॉ० अम्बेडकर ने देश को भारतीय संविधान देकर 5000 सालों ओकी गुलामी से देश की बहुसंखयक  जनता को उनका संवैधानिक  अधिकार देकर उन्हें  गरिमामय जीवन जीने का अधिकार दिया है। यदि बाबासाहब डॉ० अम्बेडकर  नहीं होते तो देश की एक बहुत बड़ी आबादी आज भी नारकीय जीवन जी रही होती। इसलिए हम कहते है कि " किसी को तलाश हो और खुदाओं की, हम तो डॉ० अम्बेडकर को खुदा कहते है।"

अनुरागी ने आगे कहा कि डॉ० अम्बेडकर ने देश के करोड़ो  पीड़ितों को संविधान के माध्यम से वह अधिकार देने का काम किये है, जिसे आज तक कोई नहीं दे पाया है। इसलिए डॉ० अम्बेडकर को एक मूर्ति के रुप में पूजने की जगह उन्हें पढ़कर उनके विचारों पर अमल करते हुए उसे व्यवहार में उतारने  की जरुरत है। बाबासाहब भी कह चुके है कि हम मूर्तियों में नहीं  किताबों में है। आज कुछ लोग उनके गले में माला और उनके विचारों पर ताला लगाने का कार्य कर रहे है, जबकि आज जरुरत इस बात की है कि उनके विचारों को कुंद करने की जगह उसे धार देने की जरुरत है, ताकि बाबासाहब डॉ ० अम्बेडकर के सपनों का भारत बनाया जा सके।

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