सन्त बाबा उमाकान्त जी ने बताया मानसिक परेशानी कम कैसे होगी

पालतू जानवर रखो तो उनकी सेवा करो, कमजोर न होने पावे, गउओं को मिलकर खिलाओ, भूखा मत मरने दो

खान, पान और दान में सदा रहे अगवान

उज्जैन (म.प्र.)। जिम्मेदारियों को निभाने की प्रेरणा देने वाले, सच्चे गौ सेवक, धन की कमी दूर करने और चैन की नींद आने का पक्का उपाय बताने वाले, स्वस्थ रहने के आसान गुर बताने वाले, नाम दान रूपी सबसे अनमोल दौलत बांटने वाले, इस समय के पूरे समरथ सन्त सतगुरु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी ने 30 नवंबर 2020 प्रातः उज्जैन आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि (पालतू) जानवर रखो तो उनकी सेवा करो। कमजोर नहीं होना चाहिए। आदमी, कुत्ता बिल्ली सब पाल लेता है लेकिन उन पर ध्यान नहीं देता है। जिनको भी पालो, खिलाओ, उसका ध्यान दो। समय-समय पर जैसे अपने बच्चों, परिवार वालों को खिलाते हो, रोटी देते हो ऐसे उनका भी ध्यान रखना चाहिए। तो अब किन परिस्थितियों में वो ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, उस पर तो आपको जाना नहीं है। जहां भी देखो कमजोर गायें हैं, जानवर है, आप संगत के जो लोग हो, गायें चाहे जिस गांव, शहर, मोहल्ले में हो और आप नामदानी सतसंगी वहां पर हो तो आप मिल कर के सब लोग चारा डलवा दो इनको। गउओं को भी अब खिलाओ। उनको भी भूखे मत मरने दो। प्रेमियों! इन सब का आप लोगों को लाभ, फल मिल जाएगा। आप करके तो देखो। करोगे नहीं, हिम्मत नहीं करोगे, आगे नहीं बढ़ोगे तो कैसे मंजिल तक पहुंच पाओगे? तो जो भी बातें बताई जाए, उनको पकड़ो, समझो, विचार करो और उस पर अमल करो।

मानसिक परेशानी कम कैसे होगी, धन की कमी कब नहीं होगी

महाराज जी ने 6 दिसंबर 2017 धारूहेड़ा (हरियाणा) में बताया कि मन को लगाया जाए, चिंतन किया जाए कि गुरु के मिशन को कैसे आगे बढ़ाया जाए? कैसे लोगों को शाकाहारी सदाचारी नशा मुक्त बना दिया जाए, ऐसा चिंतन आदमी करता रहे, उसकी रूपरेखा बनाता रहे और सोचता रहे, सलाह देता रहे, लोगों का सहयोग लेता और देता रहे तो मानसिक परेशानी बहुत कम हो जाएगी और आराम से नींद आ जाएगी। जब आदमी सोचेगा नहीं कि कुछ है तो यही हम देख ले कि (प्रचार हेतु) होर्डिंग कहां लगाने लायक है, कौन सी दीवार पर लिखने लायक है, हम दफ्तर, दुकान जा रहे हैं, दो मिनट के कोई घर वाला मिल गया, उससे पूछ लिया, हम इस पर यह बात लिखवा दें, वही बता दे कि हमारे यहां यह वाक्य लिख दो, कोई दिक्कत नहीं है। धर्म-कर्म का संदेश उसको बता दिया और लिख दिया, होर्डिंग लगा दिया और उसको बता दिया कि यहाँ साप्ताहिक सतसंग, ध्यान भजन रोज का होता है। इसी तरह से थोड़ी देर मन से सोचा, चिंतन किया और कहा भाई चलेंगे, एक-आध आदमी जो भी मिल जाएंगे, मन से सोचा सब्जी राशन खरीदेंगे, वहां कुछ गुरु की चर्चा करेंगे तो मन लगा तो यह शरीर भी सेवा में आ जाएगा। सेवा में जब शरीर, मन लग जाएगा तो फिर पक्की बात समझ लो, धन की कमी नहीं होने पाएगी।

चलने वाले का स्वास्थ्य ठीक रहता है

महाराज जी ने 30 नवंबर 2020 दोपहर उज्जैन आश्रम में बताया कि चलने वाले का स्वास्थ्य सही रहता है। शुगर का मरीज अगर सुबह और शाम तीन-चार किलोमीटर चले और दिन में भी चलता रहे, चाहे घर में ही घूमता रहे तो 50% (बिमारी) उसी से खत्म हो जाती है, चलने से ही। और 25-30 परसेंट परहेज से खत्म हो जाता है। और तब भी न ठीक हो तो कोई दवा ले लो। तो चलता फिरता रहना ठीक रहता है। अगर कोई काम न हो तो आदमी घर में ही घूमता रहे। उससे स्वास्थ्य सही रहता है और मन भी एक जगह स्थिर नहीं रहता है। बैठोगे तो मन वहीं स्थिर रहेगा, जो चीज सामने दिखेगी, मन वही स्थिर हो जायेगा। चलोगे तो मन इधर-उधर जाएगा और चीजों को देखेगा।

खान, पान और दान में सदा रहे अगवान

महाराज जी ने 1 जनवरी 2021 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि कहा जाता है चूकना नहीं चाहिए। खान, पान और दान में सदा रहे अगवान। जब कोई अच्छी चीज बंटने, मिलने लगे तो देर नहीं करना चाहिए, अच्छी चीज तुरंत लेना चाहिए। तो जैसे यह शरीर का भोजन है खान, पान। खाना, पीना अगर कहीं मिलने लग जाए तो शरीर की भूख को मिटाने के लिए तुरंत ले लेना चाहिए। और नामदान की खबर जब लगे कि नामदान होगा तो वह आत्मा का भोजन है तो उसको भी लेने के लिए जल्दी करना चाहिए। क्योंकि कोई चूक न हो जाय, कहीं नाम दान देने वाले की ही मौज बदल जाए या नामदान लेने लायक शरीर न रह जाए या कमजोरी आ जाए या तबीयत खराब हो जाएगा या शरीर ही छूट जाए या कुछ और। तो देर नहीं करना चाहिए।

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