राजकीय पशु चिकित्सालय उधौली में गायब रहते है जिम्मेदार

जल बचाओं अभियान की उड़ी धज्जियां, घंटों बहता रहा पानी, जिम्मेदार रहे बेखबर

बाराबंकी। जहां एक तरफ मोदी सरकार हर घर जल पहुंचाने को लेकर प्रयासरत है और जल बचाओं अभियान को आगे बढ़ा रही वहीं कुछ जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते अमृतरूपी जल बेवजह बहाया जा रहा है। पूरा मामला जनपद बाराबंकी के विकासखंड मसौली अंतर्गत राजकीय पशु चिकित्सालय उधौली का है। जहां पर बीते गुरुवार को घंटों पानी टंकी से बहता रहा और मोटर पाइप से भी पानी बहता मिला, अस्पताल परिसर की लाइट व पंखे सभी चालू थे लेकिन परिसर में जिम्मेदार कर्मचारी गायब थे, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हरिकेशन लाल को उनके मोबाइल नंबर पर लगातार कई बार कॉल भी किया गया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। जब इस संबंध में मुख्य पशु चिकसाधिकारी बाराबंकी को कॉल किया गया तो उन्होंने बताया मैं जानकारी वहां के कर्मचारी को दे रहा हूं।

आपको बता दे अस्पताल परिसर की साफ - सफाई व्यवस्था बहुत दयनीय है, यहां पर अक्सर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हरिकेशन लाल पशुओं का इलाज करते है! अब बात उठती है कि क्या एक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के पास वो योग्यताएं है जो उनको पशुओं के इलाज के लिए योग्य पाई जाती हो? अपनी मनमानी रवैए के चलते हरिकेशन ही चिकित्सा अधिकारी का कार्य करते है और गैर जिम्मेदाराना कार्य को अंजाम देते है यही कारण रहा है कि गुरुवार को पानी की टंकी से पानी घंटों बहता रहा और मोटर स्विच ऑन करके स्वयं चलते बने एवम् वहां की लाइट और पंखे भी बेवजह चलते रहे। 

परिसर में झाड़ियों के उगने से वहां पर संक्रामक बीमारियों के बढ़ने के साथ - साथ ,विषैले जानवर के  होने की संभावना अधिक हो गई है। हरिकेशन लाल न वहां की साफ - सफाई व्यवस्था देखते बल्कि वो बिना योग्यता के चिकित्सा अधिकारी का कार्य निभाते है और मनमाने समय से आते - जाते है। इस संबंध में ग्रामीण जन द्वारा कर्मचारी हरिकेशन लाल के खिलाफ मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत भी दर्ज कराई गई है। फिलहाल अब यह तो समय के गर्भ में है कि लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ उच्चाधिकारी क्या कार्यवाही करते है?

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