सतसंग की धारा बह चुकी है, अब ये रुकने वाली नहीं है - सन्त बाबा उमाकान्त जी

सतसंग की बातें लोगों को कुछ न कुछ बताते रहो

उज्जैन (म.प्र.)। सब जीवों के परम पिता सतपुरुष द्वारा इस मृत्युलोक में दुःख दूर कर अपने निज घर ले चलने के लिए अपनी पूरी पॉवर देकर भेजे गए इस समय के महापुरुष, पूरी मानवता को बचाने में अनवरत लगे, योजनाबद्ध तरीके से काम करने की शिक्षा देने वाले, साधना में तरक्की के उपाय बताने वाले, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दु:खहर्ता, दयालु, दीनबंधु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 17 मार्च 2022 प्रातः उज्जैन आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि ऊपर का भेद खोलने का आदेश नहीं है। सतसंग में ऊपर का भेद खोलने पर, ऊपर की, नाम दान की बातों को बताने पर नाराजगी होती है उनको, तो कभी अगर वह दया की दृष्टि फेर दे तो फिर शरीर से, मानसिक रूप से तकलीफ झेलना पड़ता है। इसलिए ऊपर का भेद तो मैं कुछ बताने वाला नहीं हूं। लेकिन जहां तक बताने का आदेश है, वह तो आपको जब समय रहता है, स्वास्थ्य ठीक रहता है, तब आपको बता देता हूं। गुरु महाराज की दया रहेगी तो फिर सुनाया जाएगा।

सतसंग की धारा बह चुकी है, अब ये रुकने वाली नहीं है

महाराज जी ने 8 जून 2021 प्रात उज्जैन आश्रम में बताया कि आपके अंदर मनोबल होना चाहिए। आपका मनोबल ऊंचा रहेगा, आपके अंदर इच्छा रहेगी कि गुरु महाराज का नाम-काम हम बढ़ावें तो प्रेमियों बढ़ता जाएगा, कम नहीं होगा। अब यह सतसंग की धारा बह चुकी है, रुकने वाली नहीं है। लेकिन गुरु महाराज जो काम हमारे आपके उपर छोड़ कर गए हैं, उस छूटे हुए काम को अगर जल्दी करना है तो आप काम करने वालों की टीम बनाओ और सहयोगी तैयार कर लो। क्योंकि हर तरह के आदमीयों की जरूरत होती है, देश-विदेश दोनों में जरूरत है। पुराने लोग सब बुड्ढे हो गए। देखो हमारे सहयोगी भी ज्यादातर बुड्ढे ही हैं। बुढ़ापे में दिल, दिमाग, बदन में ताजगी नहीं रहती है। वह तो जब बोला जाता है तब करंट आता है। लेकिन मैं भी कहां तक बोल पाऊंगा? यहां केंद्र से सारी व्यवस्थाएं होती थी, आपको निर्देश मिलता था, आपको बताया जाता था, आप सब लोग उस तरह से काम करते थे, उस पर आप अब इतना निर्भर न रहो। प्रांत के जितने भी जिम्मेदार हो, ऑनलाइन जुड़े हुए हो, सुन रहे हो, आप अपने-अपने क्षेत्र के अनुसार अपनी-अपनी व्यवस्था, काम की योजना बनाओ। आप बहुत से लोग गुरु महाराज के काम को समझ गए हो, नाम को पहुंचाने का तरीका आपको, बहुत लोगों को मालूम हो गया है। तो नाम को पहुंचाने के लिए, काम को करने के लिए आप लोग अपनी-अपनी सब व्यवस्था बना लो और उसके अंतर्गत आप काम करो। बहुत काम है।

सतसंग की बातें लोगों को कुछ न कुछ बताते रहो

महाराज जी ने 8 मार्च 2023 प्रातः उज्जैन आश्रम में बताया कि भजन में मन न लगे तो प्रार्थना करो, विरह, तड़प पैदा करो, पछतावा करो कि हमारा मन भजन में नहीं लगता है, भजन में दया मांगो, दुखी हो जाओ। जब आदमी दुखी होता है तब वो दु:खहर्ता, दयालु, दीनबंधु दया करता है और उससे भी काम न बने तो प्रचार-प्रसार के लिए निकल पडो, प्रचार-प्रसार की बातें करने लग जाओ, कोई रिश्तेदार, मित्र, पहचान के कोई बिजनेस व्यापार वाले हैं, कोई कर्मचारी अधिकारी हो, जैसे आप नौकरी, व्यापार से सम्बंधित बात करते हो, उसी तरह से संतसग की बातों को आप कुछ न कुछ बताने लग जाओ। मन को मोड़ो, उस तरफ लगाओ। जब उस तरफ मन लग जाएगा तब इस (दुनिया की) तरफ से मन धीरे-धीरे हट जाएगा और वहां की तरफ लगने लगेगा।

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